भाजपा नेता सह बिहार नागरिक परिषद के महासचिव राजीव सिंह उर्फ बिट्टू सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देकर ज़िरादेई विधानसभा से विगुल फूंक दिया हैं। बिट्टू सिंह भाजपा से बागी होकर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। इसके लिए उन्होंने 2 सितंबर से अपने जनसंपर्क अभियान की शुरुआत की। जनसंपर्क अभियान की शुरुआत मठिया, खाप मिश्रौली, खालवां, बसदेवा, जगदीशपुर, पिपरा, मराछी इत्यादि गांवों में जाकर आम जनता से मुलाकात किया। पिपरा में बिट्टू सिंह को ग्रामीणों ने पगड़ी बांधकर अपना समर्थन दिया।

भाजपा के लिए पिता की अंतिम इच्छा भी छोड़ दी

मीडिया से बातचीत करते हुए राजीव सिंह उर्फ बिट्टू सिंह ने कहा कि वो पिछले 15 वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे 2015 और 2020 में पार्टी के प्रबल दावेदार थे लेकिन ये सीट जेडीयू खाते में चली गई। उन्होंने कहा कि मेरे पिता जी की अंतिम इच्छा थी की मैं चुनाव लडू लेकिन पार्टी के प्रति ईमानदारी दिखाते हुए मैने चुनाव नहीं लड़ा।


बिट्टू सिंह ने कहा कि उन्होंने 15 वर्षों से पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने का काम किया। पार्टी के हर दिशा निर्देश का पालन किया। उन्होंने कहा कि 2015 और 2020 में वे पार्टी के तरफ से उम्मीदवारी के प्रबल दावेदार थे। लेकिन ज़िरादेई की सीट एनडीए के खाते में चली गई जिसके कारण वो चुनाव नहीं लड़े और मजबूती के साथ एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में जनसंपर्क कर लोगों ने वोट मांगा। भाजपा के कार्यकर्ता यहां एनडीए प्रत्याशी को जिताने के लिए बूथ स्तर पर लाठी लेकर मजबूती के साथ रहते हैं। दुश्मनी हो जाती है लेकिन ये दूसरे दल के नेता जितने या हारने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को भूल जाते हैं। कोई भाजपा कार्यकर्ताओं को पूछने नहीं आता।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार राज्य नागरिक परिषद का महासचिव बनाने की चर्चा हुई थी तब मैने पटना जाकर पार्टी के आलाकमान को ये बताया कि मुझे डायरेक्ट चुनाव लड़ना है मुझे ये पोस्ट नहीं चाहिए। बावजूद इसके मुझे ये पोस्ट दिया गया जो सिर्फ एक लॉलीपॉप है, मैने इस पद से इस्तीफा दे दिया हैं। मेरे बारे में भ्रम फैलाया गया कि मुझे राज्यमंत्री का दर्जा मिला हैं। राज्यमंत्री जहां जाते है वहां स्कॉट और सुरक्षा की सुविधा मिलती है, सरकारी आवास मिलता हैं। मुझे तो ऐसी कोई सुविधा नहीं मिली। बिट्टू सिंह ने कहा आप देख लीजिए मेरे पास कहां सुरक्षाकर्मी हैं।







