
भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने बड़ी जीत हासिल की है। सीपी राधाकृष्णन ने 452 वोट प्राप्त किया और इंडिया गठबंधन के बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए और सीपी राधाकृष्णन ने 152 वोटों से विजयी हुए। चुनाव में कल 767 सांसदों ने वोट डाले जिसमें 15 वोट अवैध रहे।

बता दे की भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जुलाई में स्वास्थ कारणों से इस्तीफा दे दिए थे जिसके बाद आज नई दिल्ली स्थित संसद भवन परिसर के वसुंधरा भवन में सुबह 10:00 से शाम 5:00 बजे तक मतदान चला। दोनों सदनों में चले इस चुनाव में सांसदों ने मतदान किया। नई दिल्ली स्थित संसद भवन के वसुंधरा भवन में चले मतदान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी इस चुनाव में मतदान किया। मतदान करीब 5:00 बजे समाप्त हुई और 1 घंटे बाद यानी की 6:00 बजे मतगणना प्रारंभ हुई।


राधाकृष्णन बीजेपी के पूर्व वरिष्ठ नेता है और लंबे समय तक संगठन में सक्रिय रहे हैं। राधा कृष्ण भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष पद पर कार्य कर चुके हैं। सीपी राधाकृष्णन ने दक्षिण भारत में भाजपा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु के कोयंबटूर से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए थे। राधाकृष्णन तमिलनाडु के कोयंबटूर से 1998 और 1999 में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। फरवरी 2023 में सीपी राधाकृष्णन को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। झारखंड के राज्यपाल रहते हुए उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया था। जुलाई 2024 में सीपी राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल बने। राधा कृष्ण ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र आंदोलन से की। 2007 में तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष थे। राधा कृष्ण तमिलनाडु में 93 दिनों की 19000 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा की थी। यात्रा में सीपी राधा कृष्ण ने मुख्य रूप से नदी जोड़ो, आतंकवाद, समान नागरिक संहिता, अस्पृश्यता और नशे के दुष्परिणाम जैसे मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया था। 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपति में जन्मे सीपी राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोन्नूसामी राधाकृष्णन है। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री हासिल की है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में शुरुआत करके हुए 1974 में भारतीय जन संघ की राज्यकारिणी समिति के सदस्य बने। सांसद रहते हुए वह संसदीय स्थाई समिति (कपड़ा मंत्रालय) की अध्यक्ष रहे। इसके अलावा सीपी राधाकृष्णन स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच के लिए बनी विशेष संसदीय समिति के सदस्य थे। 2004 में सीपी राधाकृष्णन ने संसदीय प्रतिनिधि मंडल के हिस्से के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। सीपी राधाकृष्णन ताइवान जाने वाले पहले संसदीय प्रतिनिधि मंडल के सदस्य भी थे।
